Finance Minister Nirmala sitharaman- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस की दस बड़ी बातें






वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 10 बड़ी बातें


1. सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। देश की अर्थव्यवस्था को तेज गति देने के लिए केन्द्र सरकार लगातार प्रभावी कदम उठा रही है। बैंकों में जल्द से जल्द 70,000 करोड़ रुपए की पूंजी डाली जाएगी। इस कवायद से बैंकों में कर्ज की ब्याज दर को नीचे लाने में फौरी मदद मिलेगी।

2. 8 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने रेपो रेट से जुड़े उत्पाद लॉन्च किए। बैंकों ने निर्धारित समय के भीतर लोन डॉक्यूमेंट लौटाने की भी घोषणा की है। ट्रैकिंग की सुविधा भी दी जा रही है।

3. बैंकों ने साथ मिलकर 4 एनबीएफसी (नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) से अपने लिए रास्ता निकाला है। हमें वित्तीय सेक्टर को आधारिक संरचनात्मक तौर पर मजबूत बनाना है। कई बैंकिंग सुधार हाल के सालों में केन्द्र सरकार ने किए हैं। 3.38 लाख फर्जी कंपनियां बंद की गई हैं पिछले सालों में।

4. आर्थिक भगोड़ों की संपत्ति के जरिए रिकवरी जारी है। लोन में रिकॉर्ड रिकवरी दर्ज हुई है। 1.21 लाख करोड़ रुपए की रिकवरी हुई है। सकल नॉन परफॉर्मिंग परिसंपत्तियों में भी गिरावट हुई है। बड़े लोन की मॉनिटरिंग हो रही है ताकि कुछ भी गड़बड़ी हो तो उसका तुरन्त पता लग सके। स्विफ्ट मैसेज को सीबीएस से जोड़ा गया है।

5. 18 सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में से 14 बैंक मुनाफे में है। बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक के मर्जर से कई अच्छी चीजें हुई है। इन बैंकों के मर्जर में किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला गया।

6. पीएनबी, ओरिएंटल बैंक और यूनाइटेड बैंक के मर्जर की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इसके बाद ये दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। पीएनबी से 1.5 गुना बढ़ा होगा। जिसमें 11437 ब्रांच हैं।

7. कैनरा बैंक का सिंडिकेट बैंक में मर्जर होगा। ये देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक होगा। जिसका कारोबार तकरीबन 15.2 लाख करोड़ रुपए है। यूनियन बैंक का आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक के साथ विलय होगा जो देश का 5वां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का भी विलय होगा।

8. 2017 में 27 सरकारी बैंक थे जिनकी तादाद मर्जर के बाद घटकर मात्र 12 रह जाएंगी। ये मजबूत बैंक होंगे। बैंक में पदोन्नति अब बोर्ड कमेटी के फैसले से होंगी। बैकिंग बिजनेस के मद्देनज़र सीजीएम भी बनाए जा सकेंगे। बैंकों में चीफ रिस्क ऑफिसर की नियुक्तियां होगी जिनकी वेतन बाजार के हिसाब से होगा।

9. इन बैंकों को पेशेवर तरीके से चलाया जाएगा। केन्द्र सरकार इन बैंकों को पर्याप्त पूंजी देगी ताकि ये उचित ढंग से काम कर सकें। पीएनबी को सरकार 16 हजार करोड़ रुपए, यूनियन बैंक को 11700 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा को 7 हजार करोड़ रुपए, कैनरा बैंक को 6500 करोड़ रुपए, इंडियन बैंक को 2500 करोड़ रुपए सरकार देगी।

10. बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पहली की तरह बने रहेगें। बैंक के बोर्ड फैसला लेने के लिए आजाद और स्वायत्त रहेंगे। सभी बैंकों से मर्जर को लेकर गहन वार्ता हुई है। इससे ग्राहकों को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। ग्राहकों को बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय से भी दिक्कत नहीं हुई थी। इस विलय से भी उनको दिक्कत नहीं होगी।


वित्त मंत्री की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद #BankMerger ट्विटर पर ट्रेंड होता दिख। जिसमें लोगों की दिलचस्प और मिली जुली प्रतिक्रियायें देखने को मिल रही है।

मोहम्मद सलीम ट्विटर पर फरमाते है कि, भाजपा नीति सुधार के नाम पर डबिंग कर रही है, और वो भी गलत तरीके से। साल 2016 के दौरान रातोंरात 500 और 1000 रूपये के नोट इनवैलिड़ हो गये थे। अब साल 2019 में देश की जनता को ये देखने को मिलेगा कि, सूरज डूबने से पहले उनके पैसे इनवैलिड़ करार दे दिये जायेगें। जैसे कि कुणाल कामरा कहते है, अब गर्वनमेंट की वैलिडिटी सिर्फ रह गयी है.... 


सागर फरमाते है कि, बैंक मर्जर के मसले पर निर्मला सीतारमण मुझे कुछ यूँ दिखाई दे रही है। 


बहुत स्कोप है, नाम से एक यूजर लिखते है कि, अभी जीडीपी की दर 5 फीसदी बतायी गयी है, इसी बीच ये बैंक मर्जर आ गया। ये कुछ इस तरह से है। 


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