आज है गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)। इस साल गणेश चतुर्थी पर वही शुभ संयोग बन रहा है जो भगवान श्रीगणेश जी के जन्म के समय बना था। जानें श्रीगणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त एवं शास्त्रोंक्त पूजा विधि-विधान।
गणपति की स्थापना गणेश चतुर्थी के दिन मध्याह्न में की जाती है। मान्यता है कि गजानन का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था। साथ ही इस दिन चंद्रमा देखना वर्जित है। आप चाहे तो बाजार से खरीदकर या अपने हाथ से बनी गणपति की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं स्थापना करने से पहले स्नान करने के बाद नए या साफ धुले हुए बिना कटे-फटे वस्त्र पहनने चाहिए।
अपने माथे पर तिलक लगाएं और पूर्व दिशा की ओर मुख कर आसन पर बैठ कर पूजा करें। आसन कटा-फटा नहीं होना चाहिए. साथ ही पत्थर के आसन का इस्तेमाल न करें। इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा को किसी लकड़ी के पटरे या गेहूं, मूंग, ज्वार के ऊपर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें। गणपति की प्रतिमा के दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि के प्रतीक स्वरूप एक-एक सुपारी रखें।
चौघड़िया
अमृत चौघड़िया- प्रात: 6:10 बजे से 7:44 तक।
शुभ चौघड़िया- सुबह 9:18 से 10:53 तक।
लाभ चौघड़िया- दोपहर 3:35 से 5:09 तक।
अमृत चौघड़िया- शाम 5:09 से 6:53 तक।
देर रात मुहूर्त- रात्रि 11:01 से 12:27 तक।
लग्नानुसार गणेश स्थापना मुहूर्त
सह लग्न- प्रात: 5:03 से 07:12 तक।
कन्या लग्न- सुबह 7:12 से 9:16 तक।
धनु लग्न- दोपहर 1:47 से 3:53 तक।
कुंभ लग्न- शाम 5:40 से 7:09 तक।
मेष लग्न- रात्रि 8:43 से 10:24 तक।
विशेष- अभिजीत योग दोपहर 12:01 से 12:55 तक।
।। अथ षोडशोपचार पूजनम् ।।
1- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः ध्यायामि2- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः आवाहयामि
3- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः आसनं समर्पयामि
4- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः अर्घ्यं समर्पयामि
5- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पाद्यं समर्पयामि
6- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः आचमनीयं समर्पयामि
7- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः उपहारं समर्पयामि
8- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पंचामृत स्नानं समर्पयामि
9- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः वस्त्र युग्मं समर्पयामि
10- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः यज्ञोपवीतं धारयामि
11- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः आभरणानि समर्पयामि
12- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः गंधं धारयामि
13- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः अक्षतान् समर्पयामि
14- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पुष्पैः पूजयामि
15- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः दक्षिणां समर्पयामि
16- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः प्रतिष्ठापयामि
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