क्या यही वह विकास है जिसका मुकाम हमारी सरकार तय रही हैं ? 5 ट्रिलियन डॉलर इक्नॉमी की उड़ान का दावा करने वाले विकास के फर्जी ठेकेदारों के मुँह पर करारा तमाचा है। आइये गौर करते है 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों के हालातों पर:
1): 13 करोड़ भारतीय कमाते हैं 1656/- रुपए प्रति माह।
2): अगले 13 करोड़ भारतीय कमाते हैं 2690/- रुपये प्रति माह।
3): अगले 13 करोड़ भारतीय कमाते हैं 3389/-रुपये प्रति माह।
4): अगले 13 करोड़ भारतीय कमाते हैं 4049/-रुपये प्रति माह।
5): अगले 13 करोड़ भारतीय प्रति माह 4780/-रुपये कमाते हैं।
देश की आधी आबादी 100 रूपये रोजाना में गुज़र बसर करने के लिए बेबस है। अमीर और गरीब के बीच की खाई लगातार चौड़ी होती जा रही है। अमीर अमीर हो रहा है और गरीब बहुत गरीब हो रहा है। व्यवस्था परजीवी बन धार्मिक और जातीय आधारों पर नफरती जहर और उन्माद फैलाने में मसरूफ हैं। रोज़ाना नयी क्षेत्रीय विषमताएँ गढ़ी जा रही हैं। ये बेहद शर्मनाक है। इससे पहले बहुत देर हो जाए, उठिये और नीतियों की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाइये।
- कैप्टन जी.एस. राठी
सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता
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