सुनवाई के बाद मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव
धवन ने लगायी गुहार, हमारे हितों को संरक्षित किया जाये
काफी उतार-चढ़ावों के बाद राम मंदिर पर अदालती दलीलों का दौर थमा गया है। चीफ़ जस्टिस रंजन गागोई की अगुवाई वाली पाँच सदस्य न्यायिक पीठ ने इस मामले पर लगातार 40 दिनों तक मैराथन सुनवाई की। सभी पक्षकारों की दलीले सुनने के बाद न्यायिक पीठ ने आज फैसले का सुरक्षित रख लिया है। गौरतलब है कि इस न्यायिक पीठ में जस्टिस एस.ए. बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई. चन्द्रचूड, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर शामिल हैं। पीठ ने इस मामले से जुड़े सभी पक्षकारों को तीन दिनों के भीतर राहत में बदलाव (Molding of relief) के मुद्दे पर लिखित दलील जमा करने के लिए कहा है।
कोर्ट के मुताबिक अब किसी भी पक्षकार की दलील पर गौर नहीं किया जायेगा। सुनवाई के दौरान एक दिलचस्प बात ये हुई कि मुस्लिम पक्ष की दलील रखते हुए वकील राजीव धवन ने हिन्दू महासभा के वकील विकास सिंह की ओर से पेश किए गए नक्शे को फाड़ डाला। जिसके तुरन्त बाद सीजेआई रंजन गोगोई ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर कोर्ट की मर्यादा का पालन नहीं किया गया तो, वे और न्यायिक पीठ के सभी सदस्य सुनवाई करना बंद कर देगें। एक हिन्दू पक्षकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड और दूसरे मुस्लिम पक्षकार यह साबित करने में नाकाम रहे कि अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवादित जगह पर मुगल बादशाह बाबर ने मस्जिद बनवायी थी। इस बीच राजीव धवन ने कहा कि वो मोल्ड़िंग ऑफ रिलीफ़ के अन्तर्गत बाबरी मस्जिद को फिर से बनाने की मांग करते हैं। मुस्लिम पक्षकारों को मस्जिद दुबारा बनाने का अधिकार हैं। भले अभी वहां मस्जिद नहीं है, लेकिन अभी भी विवादित जमीन वक़्फ़ बोर्ड की है। हम बाबरी विध्वंस के पहले की स्थिति चाहते है। गौर करने वाली बात ये भी है कि साल 2010 सितंबर में संवैधानिक पीठ ने अयोध्या में 2.77 एकड़ की विवादित जम़ीन को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के इस निर्णय के खिलाफ़ 114 अपीले दायर की गयी थी। सुनवाई के आखिरी दौर में मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन ने सर इकबाल गज़ल पढ़ते हुए न्यायिक पीठ से गुहार लगाते हुए प्रोटेक्ट करने की गुजारिश की। रामजन्म भूमि के अध्यक्ष महन्त नृत्य गोपाल दास ने आज की सुनवाई पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मंगल बेला आ गयी है, उम्मीद करते है कि रामायण मेले से पहले मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जायेगा। दीवाली और अदालत के फैसले को देखते हुए प्रशासनिक अमले ने अयोध्या और फैजाबाद के संवेदनशील इलाकों में एहतियातन धारा 144 लगा दी गयी है।
0 Comments