नागरिकता संशोधन कानून पर अब बगावत के सुर उठने लगे है। इस मुद्दे में सियासी दो-फोड़ देखने को मिल रहा है। पिनाराई विजयन, कैप्टन अमरिन्दर सिंह, नवीन पटनायक, नीतिश कुमार और ममता बनर्जी इस मुद्दे पर बगावती तेवर अपनाये हुए है। और साथ ही अपने-अपने तरीके से प्रदर्शन कर विरोध जता रहे है। पश्चिम बंगाल में ये मसला और भी संवेदनशील है। इस बीच ममता बनर्जी ने एक बड़ा बयान देकर आग में घी का काम किया है।
सीएए पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में हो जनमत संग्रह- ममता बनर्जी
ममता बनर्जी और उनकी टीएमसी ने सीएए पर अपना पक्ष साफ कर दिया है। वो इसका कड़े स्वर में विरोध कर रही है। इसके साथ ही ममता बनर्जी इसमें यूएन की सीधा दख़ल चाह रही है। भारत सरकार के इस फैसले का संयुक्त राष्ट्र के स्वतन्त्र पर्यवेक्षकों के द्वारा जनमत संग्रह करवाया जाये। ताकि मौजूदा तस्वीर साफ हो। ममता बनर्जी के मुताबिक इससे देश की जनता का रूख़ साफ पता चल सकेगा कि, वो सीएए के मुद्दे पर क्या सोचती है। हालिया कानून भारी जनमत हासिल की हुई सरकार द्वारा जनता पर थोपा गया है।
मोदी सरकार पर बोला सीधा हमला
दीदी ने केन्द्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए आगे कहा- आजादी हासिल होने कई सालों के बाद हमें नागरिकता साबित आखिर क्या जरूरत आन पड़ी। अगर यूएन के जनमत संग्रह में मोदी सरकार के खिल़ाफ जायेगा तो मोदी जी और उनकी कैबिनेट को इस्तीफा देना होगा। मोदी जी सोशल मीडिया और साम्प्रदायिकता का इस्तेमाल करके देश का माहौल बिगाड़ रहे है। जब देश आज़ादी की लड़ाई लड़ रहा था, तब भाजपा के लोग कहाँ थे। हमें अपने पूर्वजों के दस्तावेज़ लाने को कहाँ जा रहा है। पहले कहा जाता था आधार कॉर्ड जरूरी है। अब कह रहे है ये जरूरी नहीं है। भाजपा को देशभर से 32 फीसदी वोट ही मिले है। ऐसे में वो मुल्क की रहनुमा कैसे बन गयी।
सोशल मीडिया पर ममता के खिल़ाफ हुई गोलबंदी
ममता के इस बयान के बाद सियासी गालिय़ारे में मुखालफ़त के सुर बुलन्द हुए। कई लोगों ने ममता के इस बयान की ये कहकर आलोचना की, देश के अंदुरूनी मुद्दे पर यूएन के शामिल करने का बेहद गलत नजरिया है।
कुमार विश्वास ममता के बयान पर ट्विट कर लिखते है कि- भारत के आंतरिक मामले में यू०एन०? राजनैतिक विरोध-विद्वेष सब ठीक है दीदी, जमकर करिए, ज़ोरदार करिए, सब साथ आएँगे,पर देश के आंतरिक मतभेद में विदेशी पंच बुलाने की बात बेहद घटिया और खेदजनक है।
भारत के आंतरिक मामले में यू०एन० ?राजनैतिक विरोध-विद्वेष सब ठीक है दीदी, जमकर करिए,ज़ोरदार करिए,सब साथ आएँगे,पर देश के आंतरिक मतभेद में विदेशी पंच बुलाने की बात बेहद घटिया और खेदजनक है😡यहीं लड़िए..जीतिए..क़ानून बनाइए...बदलिए🙏— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) December 19, 2019
बाक़ी यू०एन० या किसी भी विदेशी पंच की ऐसी की तैसी🥾👎 https://t.co/AdWY1iTkQP
भाजपा के दिग्गज़ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ट्विटर पर ममता बनर्जी के घेरते हुए लिखते है- दीदी आप पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री है या पाकिस्तान, बांग्लादेश से कोई कनेक्शन है?
दीदी आप पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ही या पाकिस्तान, बांग्लादेश से कोई कनेक्शन है? https://t.co/eCk4Oy9Lmt— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 19, 2019
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