Apache Attack Helicopter- अपाचे अस्त्र से लैस भारतीय वायुसेना



भारतीय वायुसेना के बेड़े में एक नया अस्त्र जुड़ा है इसका नाम है अपाचे एएच 64-ई। आज अधिकारिक तौर पर 8 अपाचे हैलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना के जंगी बेड़े में शामिल हो गये है। इनकी तैनाती पठानकोट एयरबेस पर की गयी है। वायुसेनाध्यक्ष ने खुद कार्यक्रम में शिरकत की और साथ अपाचे को वाटर कैनन सैल्यूट भी दिया गया। बोइंग की कोख से पैदा ये अब तक दुनिया का सबसे एंडवान्स कॉम्बैट हेलीकॉप्टर है। इसकी खास़ बात ये है कि ये एनमी लाइन के काफी अन्दर घुस तबाही मचा सकता है। साथ ग्राउंड फोर्सेस की बेहतर मोबाइजेशन के लिए माहौल भी तैयार करता है। इसका मॉस प्रोडक्शन साल 1982 में हुआ। फिलहाल यू.एस. ऑर्म्ड फोर्सेस में तकरीबन 800 अपाचे अपनी सेवायें दे रहे है। इसके हमले को पैनापन देते है ट्विन टर्बोशाफ्ट जिसकी वज़ह से दुश्मन को संभलने का मौका नहीं मिलता है। डबल इंजन इसे हाईली मैन्युवैरलिटी कैपिसिटी देते है। आइये जानते अपाचे की कुछ खास बातें, जिसकी वज़ह से दुनिया भर के जंगी मैदानों में इसका खौफ़ है।
  • इसके उड़ाने के लिए दो क्रू मैम्बर की जरूरत होती है। ऊपरवाली सीट पर पायलट होता जो इसे उड़ाता है, जबकि नीचे वाली सीट पर वेपनरी गनर निशाना लगाने, वेपन सिलेक्शन, टारगेट लॉकिंग और राडार पर मिलने वाले सिग्नलों के आधार पर टारगेट एनगेज करने का काम करता है।

  • अपाचे आगे नाक पर सेंसर सुईट लगा हुआ होता है। जिसके सहायता से निशाना लगाने का काम होता है और साथ ही ये नाइट विज़न डिवाइस का भी काम करता है। जिससे अंधेरी रात में निशाना साधने और भारी तबाही मचाने में काफी मदद मिलती है।

  • इसे खतरनाक बनती है, 30 मिलीमीटर की एम-230 चैनगन। जो कि ठीक इसके मेन लैडिंग गेयर के सामने, नीचे की तरफ लगी हुई होती है। ये अपने साथ एजीएम-114 हेलफायर मिसाइल और हाइड्रा-70 रॉकेट पॉड को लेकर उड़ान भरता है।

  • बोस्निया की ग्वेन शैलो को दुनिया की पहली अपाचे पायलट होने का तमगा हासिल है।

  • बोईंग ने इसे स्टेल्थ के तर्ज पर विकसित किया है, इसकी डिजाइनिंग और पेंट जल्दी राडार की पकड़ में नहीं आते है। अपाचे अपने एंडवांस राडार की मदद से दूरी तक सटीक निशाना साधा सकता है। साथ हर तरह की मौसमी हालातों में फ्लाइंग और फाइटिंग एक्यूरेसी काबिले तारीफ है।

  • एक ही समय में ये 128 लक्ष्यों की पहचान करने में सक्षम है। डिजीटल वॉरफेयर के हिसाब से ज़मीनी कमांड एंड कन्ट्रोल यूनिट को ये रियल टाइम में लड़ाई के मैदान की तस्वीरें, टारगेट लोकेशन भेजने में सक्षम है। जिसमें इसकी मदद करते है, इसमें लगे इन्टीग्रेटिड सेंसर नेटवर्किंग सिस्टम। इससे दूर बैठे कमांडरों को रणनीति बनाने में मदद मिलती है।

Post a Comment

0 Comments