हैदराबाद गैंगरेप/ तेलगांना पुलिस ने किया अभियुक्तों का एनकाउन्टर, सोशल मीडिया पर छिड़ी चर्चा


बीती रात हैदराबाद पुलिस ने प्रियंका रेड्डी गैंगरेप मामले के चार अभियुक्तों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है। गौरतलब है कि इस मामले की गूंज संसद सदन में भी सुनने को मिली थी, चौतरफा दबाव बनने के बाद चार अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई। तेलंगाना पुलिस ने नेशनल हाइवे-44 पर क्राइम सीन रिक्रियेट करने के लिए चारों अभियुक्तों को मौका-ए-वारदात पर ले गये थे। इस बीच चारों ने पुलिस की गिरफ्त से बचने की कोशिश की, ज़वाबी कार्रवाई में तेलगांना पुलिस ने चारों को मार गिराया। पुलिस के मुताबिक चारों ने भागने की और पुलिस से हथियार छीनने की कोशिश की। चेतावनी देने के बावजूद भी वो चारों नहीं रूके और मारे गये। ये सारी घटना ठीक वहीं पर हुई जहाँ पर इन चारों ने बलात्कार की वारदात की अंज़ाम दिया था।

सियासी गलियारे में मामले को लेकर सामने आयी अलग-अलग राय 
प्रियंका रेड्डी बलात्कार मामला काफी संजीदा था। उसके तुरन्त बाद ही जांच-पड़ताल के दौरान अभियुक्तों के कथित एनकाउन्टर को लेकर राजनीतिक राय दो हिस्सों में बंटी नज़र आयी। कुछ इसकी हिमायत करते दिखे और साथ ही कुछ इसकी मुखालफत करते नज़र आये। पूर्व कैबिनेट मंत्री मेनका गांधी ने इसे  गलत परम्परा की शुरूआत बताया। साथ ही कहा- तेलंगाना में जो भी हुआ है, वह इस मुल्क के लिए बेहद अफसोसनाक है। भीड़तन्त्र के दबाव में आकर लोगों को इस तरह नहीं मारा जा सकता है। कोई भी कानून को हाथों में नहीं ले सकता। अगर कोई अपराधी है तो उसकी कानूनी दायर में ही सज़ा दी जानी चाहिए।


शाशि थरूर ट्विट कर लिखते है कि, न्यायिक व्यवस्था के इतर इस तरह के एनकाउन्टर हमें कतई भी मंजूर नहीं है। गौरतलब है कि अगर मुज़ारिमों के पास हथियार थे तो पुलिसिया कार्रवाई को मुनासिब ठहराया जा सकता था। जब तक इस मामले की पूरी सच्चाई सामने नहीं आ जाती तब तक हमें इस एनकाउन्टर की मुखालफत करनी चाहिए। लेकिन कानून के तहत चलने वाले मुल्क में इस तरह की हरकतों को सही नहीं ठहराया जा सकता है।

सीताराम येचुरी लिखते ट्विटर पर लिखते है कि- कानून के दायरे से हुई हत्या को जायज नहीं ठहराया जा सकता है। महिला सुरक्षा के प्रति जो चिंता उभरी है, ये उसका ज़वाब कतई नहीं हो सकता है।


दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी राय रखते हुए कहा कि- जिस तरह से लोग एनकाउन्टर पर अपनी खुशी जाहिर कर रहे है, ये वाकई गंभीर मसला है। लगता है लोगों का भरोसा न्यायिक प्रणाली से उठ गया है। निर्भया केस को 7 साल बीत गये। हमने दोषियों की दया याचिका को एक सिरे से नकार दिया है। अब महामहिम राष्ट्रपति जी से गुजारिश है कि इस मामले पर जल्द से जल्द फैसला लेकर दोषियों को फांसी के तख्त तक ले जाये।

पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदम्बरम के मुताबिक इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। आरोपी भागने की कोशिश कर रहे थे या फिर मामला कुछ और ही है।

भाजपा नेता उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्विट करके इस मामले को सही ठहराया। साथ ही इसे महिला सुरक्षा को लेकर अब तक की सबसे बड़ी घटना बताया। वो लिखती है कि- मैं अभी हिमालय के उत्तराखंड में गंगा किनारे हूं, तेलंगाना में महिला वेटनरी डॉक्टर के साथ दुराचरण के बाद हत्या किए जाने की घटना से मैं बहुत दुखी एवं क्षुब्ध थी। किंतु अभी सवेरे मैंने समाचार सुना कि सीन रिक्रिएट करने के दरम्यान भागने की कोशिश में चारों अपराधी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए। इस सदी के 19 वें साल में महिलाओं को सुरक्षा की गारंटी देने वाली यह सबसे बड़ी घटना है। इस घटना को अंजाम देने वाले सभी पुलिस अधिकारी एवं पुलिसकर्मी अभिनंदन के पात्र हैं। मैं अब विश्वास कर सकती हूं कि दूसरे राज्यों के शासन में बैठे हुए लोग अपराधियों को तत्काल सबक सिखाने के रास्ते निकालेंगे। जिस घर की बेटी निर्दयता की शिकार होकर दुनिया से चली गई उस परिवार का दुःख कभी कम नहीं होगा किंतु उस बहन की आत्मा को शांति मिलेगी तथा भारत की अन्य लड़कियों के मन का भय कुछ कम होगा। जय तेलंगाना पुलिस।

पीड़िता के पिता ने जताया संतोष 
प्रियंका रेड्डी के पिता ने एकाउन्टर पर संतोष जाहिर किया। उनके मुताबिक आरोपियों के मारे जाने से प्रियंका की आत्मा को शांति मिलेगी। तेलंगाना पुलिस और राज्य सरकार सहित उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जो मुसीबत की घड़ी में उनके साथ खड़े रहे। ये इंसाफ रिकॉर्ड समय के अन्दर हुआ है।

तेलंगाना पुलिस ने मीडिया ब्रीफिंग में इस एनकाउन्टर से जुड़ी बातें मीडिया के सामने रखी


मिठाई खिलाकर पुलिस का किया स्वागत
तड़के सवेरे एनकाउन्टर की जानकारी मिलते है, लोगों का हुजूम घटनास्थल की ओर निकल पड़ा। पुलिस कार्रवाई का समर्थन करते हुए लोगों ने पुलिस पर फूल बरसाये। पुलिस के पक्ष में जमकर नारेबाज़ी भी हुई। कुछ महिलायें पुलिस वालों को मिठाई खिलाते हुए उनका स्वागत करती हुई भी दिखी। जनता का जोश देखते हुए घटना स्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी।


सोशल मीडिया पर छाया रहा मामला 
मामले की तपिश को देखते हुए ट्विटर पर इससे जुड़े चार हैशटैग ट्रैन्ड करते नज़र आये। #HyderabadEncounter, #Encounters, #EncounterForJustice, #FakeEncounter इन हैशटैगस् के तहत लोगों ने अपनी बेबाक राय सोशल मीडिया में रखी।



ऐश्वर्य एस. अय्य़र एक वीडियों साझा करते हुए लिखती है कि- देखिये एक दोषी के घर का माहौल कैसा है।


राज तिवारी अजय़ देवगन की फिल्म का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखते है कि- अब मुझे समझ आया कि खाक़ी की ताकत क्या होती है।



बाबू राव आप्टे लिखते है कि- ये मीडिया का बेहद क्रूर वास्तविकता चेहरा है।




गो-बैक मोदी-शाह नाम से एक यूजर लिखते है कि- इंसाफ के लिए इन बलात्कारियों और हत्यारों को मारने के लिए कब एनकाउन्टर किया जायेगा?


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