ये ट्विट करके बुरी तरह फंस गयी शेहला रशीद, लोग ने सिखाया गणित


कश्मीर से धारा-370 हटे हुए काफी दिन बीत गये है। घाटी के मौजूदा हालात सामान्य है। इस बीच सीमा पार से सीज़फायर के अलावा किसी भी तरह की कोई नापाक साज़िश देश के खिल़ाफ नहीं हुई है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक इन्फिलटरेशन और आंतकवादी कार्रवाईयों में भारी कमी देखी गयी है। इस बीच कुछ लोग है जिन्हें घाटी के सुधरते हालात रास नहीं आ रहे है। जिनमें से एक है जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद। शेहला पीएचडी स्कॉलर रही है और साथ ही जेएनयू छात्र संघ का हिस्सा भी। देशविरोधी नारों के चलते उनका नाम काफी सुर्खियों में रहा था। हाल-फिलहाल में जम्मू कश्मीर पर किये एक ट्विट के कारण सोशल मीडिया पर उनका अच्छा खासा मखौल उड़ाया जा रहा है।


इन्टरनेट कनेक्टीविटी को लेकर किया था ट्विट 
बीते दिन शेहला ने कश्मीर के मसले पर एक ट्विट करते हुए लिखा कि, घाटी में भारत सरकार ने चार महीने से इन्टरनेट सेवायें बंद कर रखी है। ये चार महीने यानि कि एक तिमाही, 120 दिन और ना जाने कितने दिन ये सिलसिला चलता रहेगा। 


उनके इस ट्विट के बाद ट्रोलर्स की बाढ़ सी आ गयी। शेहला रशीद फैक्चुअली यहाँ पर गलत है। क्वार्टर चार महीने का नहीं बल्कि तीन महीने का होता है। ऐसे में कई लोगों ने उनकी पीएचडी, रिसर्च स्किल और बेसिक ऐपटीट्यूड पर सवालिया निशान लगाया।

प्रियम्वदा ने दिलचस्प तस्वीर ट्विटर पर साझा करते हुए शेहला रशीद को ज़वाब दिया।

अर्बन नेशनलिस्ट नाम से एक यूजर ट्विट कर लिखते है कि, जेएनयू स्टूडेंट्स के लिए चार महीनों का एक क्वार्टर होता है। अरी बहन हमारे टैक्स के पैसे क्यों बर्बाद कर रही हो।


वीविड नाम से एक यूजर ट्विट कर लिखते है कि, बीबी की हालत क्वार्टर लेने के बाद कुछ ऐसी हो जाती है।


एक यूजर जंगली चीता ट्विटर पर एक तस्वीर साझा करते हुए शेहला रशीद पर करारा तंज कसते है।

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