बीते दिनों दिल्ली में दमघोंटू प्रदूषण काफी बड़ा मसला रहा है। सड़क से लेकर सदन तक इस मामले की गूंज सुनाई दी। केन्द्र और दिल्ली सरकार बढ़ते प्रदूषण को लेकर एक दूसरे पर आरोप मढ़ती दिखी। आरोप-प्रत्यारोप का लंबा दौर चला। प्रशासनिक कार्रवाई कम और बयानबाज़ी दिन ब दिन बढ़ती रही। सियासत का पारा एयर क्वालिटी इन्डेंक्स से काफी ऊपर दिखा। इसी मुद्दे पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन के बयान ने आग में घी डालने का काम कर दिया है।
दाह-संस्कार से फैलता है प्रदूषण- इमरान हुसैन मंत्री दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार पर्यावरण मंत्री ने केन्द्र सरकार को खत लिखा। खत के मुताबिक दिल्ली में दाह-संस्कार करने के कारण वायु प्रदूषण भारी मात्रा में फैल रहा है। इसके चलते अब तक तकरीबन 50 हज़ार लोगों की जान जा चुकी है। इमरान खान ने ये मांग रखी कि, दिल्ली के सभी शमशान घाटों को एनवायरमेंट फ्रेन्डलीं करने की जरूरत है। लड़की के विकल्प के स्थान पर किसी ऐसे ईंधन (सीएनजी-इलैक्ट्रिकल) की सिफारिश की गयी है, जो कम से कम कार्बन उत्सर्जित करता हो।
हरीश खुराना ने इमरान खान को लताड़ा
दिल्ली भाजपा नेता हरीश खुराना ने इमरान हुसैन को इस मसले पर जमकर लताड़ा। एक न्यूज़ चैनल का वीडियों ट्विटर पर साझा करते हुए हरीश खुराना लिखते है कि- दिल्ली में प्रदूषण का कारण कुछ और नहीं हम हिंदू जो दाह संस्कार करते है उससे प्रदूषण होता है।
दिल्ली में प्रदूषण का कारण कुछ और नहीं हम हिंदू जो दाह संस्कार करते है उससे प्रदूषण होता है।— Harish Khurana (@HarishKhuranna) December 4, 2019
यह राय है दिल्ली के पर्यावरण मंत्री @ImranHussaain की।
सुनो @ArvindKejriwal अपने मंत्री को समझा दो यह हिंदुओं की आस्था का मामला है ,ना ही पड़े।
खेर तुमसे क्या उम्मीद रखे?@BJP4Delhi pic.twitter.com/8TDCrQWeUV
मामला है पुराना
टैंड्री न्यूज़ ने जांच पड़ताल में पाया कि जो मामला हरीश खुराना उठ रहे है, वो 2017 का है। भले ही हरीश खुराना ने ये ट्विट आज किया हो। इमरान हुसैन ने ये चिट्ठी जनवरी 2017 में केन्द्र सरकार को लिखी थी। चिट्ठी में इमरान ने केन्द्र सरकार से दाह-संस्कार के दौरान लकड़ी के इस्तेमाल को खत्म करने और इसके बदले सीएनजी और इलैक्ट्रिक तरीके के इस्तेमाल की अनुशंसा की थी। जिस तरह से हरीश खुराना ने ये मुद्दा दिल्ली विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उठाया है। उससे उनकी सियासी मंशा पर सीधा सवाल उठाया जा रहा है। चुनावी मौसम के चलते जिस तरह से वो दो साल पुरानी खब़र का हवाला देकर साम्प्रदायिक जहर बो रहे है। वो बेहद गलत राजनैतिक समीकरण की ओर इशारा करता है। इमरान खान की जिस चिट्ठी का हवाला दिया जा रहा है। उसमें सीधा तौर पर पर्यावरण से जुड़े मुद्दे पर बात की गयी थी। और अब हरीश खुराना इसे साम्प्रदायिक रंग दे रहे है।
विजय उपाध्याय प्रतिक्रिया देते हुए, प्रदूषण फैलाने के लिए मूली के परांठों का जिक्र करते है।
लगभग आशुतोष नाम से एक यूजर लिखते है कि, देश में हिन्दूओं की संख्या ज़्यादा इसलिए वो ज़्यादा गाड़ी चलाते है। जिससे प्रदूषण फैलता है।@AshwiniBJP @BJP4Delhi— Vijay Upadhyay (@VijayUp16100566) December 4, 2019
गनीमत हैं कि इस #गधे मंत्री ने मूली के पराठों को दिल्ली में प्रदूषण का बड़ा कारण नहीं बताया ।
देश में हिंदुओं की आबादी ज्यादा है,वो ही ज्यादा गाड़ी चलाते हैं।इसलिए दिल्ली में प्रदूषण होता है।@ImranHussaain ये भी बोल दो चच्चा।— लगभग आशुतोष(ASTRO LO LOGER) (@Rahul0427111) December 4, 2019
जय श्री राम नाम से एक यूजर दिलचस्प प्रतिक्रिया देते हुए दिखायी दिये।
पहले सडजी गांजा चरस फूंकना बंद करो pic.twitter.com/N6UpGbv21G— 🙏 जय श्री राम 🙏 (@om_jay_jagdish) December 4, 2019
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