आज दिल्ली के रामलीला मैदान में दिल्ली भाजपा (Delhi bjp) की ओर आभार रैली का आयोजन किया गया। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने पीएम उदय योजना (PM Uday Yojana) के तहत दिल्ली 1731 कच्ची कॉलोनियों के 40 लाख मकान मालिकों को मालिकाना दिया जायेगा। जिसके कारण दिल्ली की ये सभी कॉलोनियां अब नियमित (Regularize) हो जायेगी। इसी मुद्दे को लेकर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष (Delhi BJP President) मनोज तिवारी की अगुवाई में रामलीला मैदान में रैली का आयोजन किया गया। रैली में दिल्ली के सातों संसद सहित कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) हरदीप सिंह पुरी, सूचना एवं प्रसारण मंत्री (Minister of Information and Broadcasting) प्रकाश जावड़ेकर और भाजपा नेता विजय गोयल ने भी शिरकत की।
अभूतपूर्व सुरक्षा इंतज़ामों के बीच सम्पन्न हुई रैली
देशभर में NRC और CAA को लेकर हिंसा अंशाति और भय को माहौल बन हुआ है। इसी बीच रैली का आयोजन केन्द्रीय सुरक्षा एजेन्सियों (Central security agencies) के लिए चुनौती का सवाल बना हुआ था। दिल्ली के रामलीला मैदान से कुछ ही दूरी पर जामा मस्जिद (JAMA Masjid) है। जहाँ पर NRC और CAA को लेकर भारी आक्रोश बना हुआ था। दिल्ली का ये इलाका हाल ही के दिनों में भारी अंसतोष (Heavy dissatisfaction) का गवाह बना हुआ था। इसे के मद्देनज़र सुरक्षा को लेकर भारी इंतज़ाम किया गये थे। इलाके में सुरक्षा बलों की 20 कम्पनियों की तैनाती की गयी थी। जिसकी देखभाल 20 डीसीपी स्तर के अधिकारियों कर रहे थे। दिल्ली पुलिस के 1000 जव़ान, एन्टी ड्रोन यूनिट (Anti drone unit), एनएसजी, टेक्निकल सर्विलांस टीम (Technical surveillance team), स्नाईपर्स और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (Special Protection Group) ने भी मोर्चा संभाल रखा था। खास़ बात ये भी रही कि अतिरिक्त सुरक्षा के तहत मंच के आसपास की सीटों पर बैठने वाले लोगों के लिए स्पेशल क्यू-आर कोड का आमंत्रण पत्र (Special QR Code Invitation Letter) था।
रैली के दौरान पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
• कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इस बात से तिलमिलाए हुए हैं कि आखिर क्यों मोदी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और खास़कर मुस्लिम बहुल देशों में इतना समर्थन मिल रहा है। आखिर क्यों वो मुल़्क मोदी को इतना पसंद करते हैं? आज जो इस्लामिक वर्ल्ड (Islamic world) है, हमारे जो खाड़ी के देश हैं, उनके साथ भारत के संबंध मौजूदा दौर में सबसे बेहतरीन हैं। फिलिस्तीन हो, ईरान हो, सऊदी अरब हो, यूएई हो, या फिर जॉर्डन, तमाम देशों के साथ भारत के रिश्ते आज नई बुलन्दियों को छू रहे हैं। अफगानिस्तान हो या फिलिस्तीन, सऊदी अरब हो या UAE, मालदीव हो या बहरीन - इन सब देशों ने भारत को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है। भारत की संस्कृति के साथ अपने रिश्ते को और प्रगाढ़ करने की कोशिश की है।
• आज जिस वामपंथ (left-winger) को भारत की जनता एक सिरे से नकार चुकी है, जो अब समाप्ति पर है, उसी के दिग्गज नेता प्रकाश करात (Prakash Karat) ने भी धार्मिक उत्पीड़न (Religious persecution) की वजह से बांग्लादेश से आने वालों को मदद की बात कही थी। आज जब इन्हीं लोगों के राजनीतिक दल, धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता (Citizenship) देने से मना कर रहे हैं, तो इनका असली चेहरा भी देश के लोगों के सामने आ रहा है। उस समय की हमदर्दी सिर्फ बहाना था, देश की जनता के साथ बोला गया सफ़ेद झूठ था।
• CAA का विरोध करने वालों के हाथ में जब ईंट-पत्थर देखता हूं तो मुझे तकलीफ़ होती है। लेकिन मेरी सोच अलग है। जब उनके हाथ में हिंसा के साधन देखता हूं तो मुझे तकलीफ होती है। परन्तु जब उन्हीं में से कुछ के हाथ में तिरंगा देखता हूं, तो सुकून भी होता है। मुझे पूरा भरोसा है कि एक बार जब हाथ में तिरंगा आ जाता है तो वो फिर कभी हिंसा का, अलगाव का, बांटने की राजनीति का समर्थन नहीं कर सकता।
• मुझे पूरा विश्वास है कि हाथ में थमा यह तिरंगा इन लोगों को हिंसा फैलाने वालों के ख़िलाफ़, हथियार उठाने वालों के ख़िलाफ़, आतंकवादी हमले करने वालों के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिये प्रेरित करेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि हाथ में थमा यह तिरंगा इन लोगों को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेगा। यही कसौटी है। तिरंगा उठाना हमारा अधिकार है लेकिन हाथो में आया तिरंगा ज़िम्मेदारियाँ भी लेकर आता है।
• कांग्रेस और उसके साथी, शहरों में रहने वाले पढ़े लिखे नक्सली - अर्बन नक्सल (Urban Naxal), ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर (Detention Center) में भेज दिया जाएगा। कुछ तो अपनी शिक्षा की कद्र करिए। एक बार पढ़ तो लीजिए नागरिकता संशोधन एक्ट है क्या, NRC है क्या! अब भी जो भ्रम में हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेन्शन सेंटर की अफवाह सरासर झूठ हैं।
• अभी हाल में जो संसद का सत्र समाप्त हुआ, उसमें एक महत्वपूर्ण बिल पास हुआ - सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल। लेकिन इस बिल के पास होने के बाद कुछ राजनीतिक दल तरह-तरह की अफवाहें फैलाने में लगे हैं, लोगों को भ्रमित कर रहे हैं, भावनाओं को भड़का रहे हैं। मैं उनसे जानना चाहता हूं, क्या जब हमने दिल्ली की सैकड़ों कॉलोनियों को वैध करने का काम किया, तो क्या किसी से पूछा कि आपका धर्म क्या है, आपकी आस्था किस तरफ है, आप किस पार्टी के समर्थक हैं? मैं जानना चाहते हूं कांग्रेस और उसके साथियों से, उसकी तरह देश को बांटने की राजनीति करने वाले दलों से कि आप क्यों देश की जनता से झूठ बोल रहे हैं, उन्हें भड़का रहे हैं?
• सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए है। हमारे तीन पड़ोसी देशों के वो अल्पसंख्यक, जो अत्याचार की वजह से वहां से भागकर भारत आने को मजबूर हुए हैं, उन्हें इस एक्ट में कुछ रियायतें दी गई हैं, कुछ ढील दी गई है।
0 Comments