लखनऊ: #BSP supremo Mayawati ने मंगलवार को केंद्र से सभी आशंकाओं को दूर करने की अपील की, खासकर नागरिकता कानून और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर।
उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि नागरिक नागरिकता (संशोधन) बिल, 2019 के पारित होने के बाद समुदाय में उत्पन्न तनाव और भय के बीच संतुष्ट हों।
"यह मांग की जाती है कि केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम और NRC के मुद्दे पर सभी आशंकाओं को दूर करना चाहिए, विशेषकर मुसलमानों को और यदि वे पूरी तरह से संतुष्ट हैं, तो यह बेहतर होगा," मायावती ने ट्वीट किया।
1. बी.एस.पी. की माँग है कि केन्द्र सरकार CAA/NRC को लेकर खासकर मुसलमानों की सभी आशंकाओं को जल्दी दूर करे तथा उनको पूरे तौर से सन्तुष्ट भी करना चाहिये तो यह बेहतर होगा।— Mayawati (@Mayawati) December 24, 2019
हालांकि, बसपा प्रमुख ने अपने दुसरे ट्वीट में मुसलमानों को 'सावधान' रहने की चेतावनी दी, जिसमें कहा गया था कि मुस्लिम समाज के लोगों को भी सावधान रहना चाहिए कि कहीं न कहीं इस मुद्दे की आड़ में उनका राजनीतिक शोषण नहीं किया जा रहा है या उन्हें इससे दबाया जा रहा है,"।
2. लेकिन इसके साथ ही मुस्लिम समाज के लोग सावधान भी रहें। कहीं इस मुद्दे की आड़ में उनका राजनैतिक शोषण तो नहीं हो रहा है और वे उसमें पिसने लगे हैं।— Mayawati (@Mayawati) December 24, 2019
मायावती ने सोमवार को देश भर में और उत्तर प्रदेश में सीएए और एनआरसी की पृष्ठभूमि में हुई हिंसा की घटनाओं पर गहरा पश्चाताप व्यक्त किया था। उन्होंने हिंसा को "दुर्भाग्यपूर्ण" करार दिया। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को लेकर उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न से भागकर हिंदुओं, सिखों, जैनियों, पारसियों, बौद्धों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है।
पिछले सप्ताह संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के कई शहरों में सेवाएं बंद कर दी गईं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए सीआरपीसी की धारा -144 के तहत प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।
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