Political Clash on PTM Issue: दिल्ली के सरकारी स्कूलों बने सियासी बवाल की वज़ह


दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पैरेन्ट्स-टीचर मींटिंग (पीटीएम) पर सियासी घमासान काफी तेज हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने पीटीएम को रद्द करने के लिए लेफ्टिनेट गवर्नर अनिल बैजल को चिट्ठी लिखी। इसी मुद्दे पर दिल्ली की सियासत काफी गर्मा गयी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बयान जारी कर कहा कि-पीटीएम तयशुदा समय पर होगी और पैरेन्ट्स से फीडबैक लेने वह खुद कल किसी एक स्कूल की पीटीएम में शिरकत करेगें। 


डॉ हर्षवर्धन ने बीते बुधवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल को चिट्ठी लिखी थी जिसमें कड़ाके की ठंड का हवाला देते हुए पीटीएम में जाने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने की बात कही थी। साथ ही डॉ हर्षवर्धन ने मौसम का मिज़ाज देखते हुए चिट्ठी में गवर्नर से पीटीएम को लेकर एडवाइजरी जारी करने की गुज़ारिश भी की। 


केजरीवाल ने डॉ हर्षवर्धन द्वारा पीटीएम रद्द किए जाने के लिए, उपराज्यपाल को लिखी चिट्ठी के जबाव में आज ट्वीट किया कि,-ये लोग पीटीएम रद्द क्यों करवाना चाहते हैं? ऐसे मौकों पर अभिभावकों को अपने बच्चों की प्रोग्रेस के बारे में टीचर के साथ चर्चा करने का मौका मिलता है। कई अभिभावक पीटीएम का इंतजार करते हैं। पीटीएम तयशुदा वक़्त पर होगी। इस मौके पर मैं खुद किसी स्कूल में उपस्थिति होऊंगा फीडबैक लेने के लिए। 


दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में चार जनवरी को नौवीं, दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए पैरेन्ट्स टीचर मीटिंग ऑर्गनाइज़ की जायेगी। इस कवायद को रूकवाने के लिए सरकारी स्कूल शिक्षक संघ (जीएसटीए) ने डॉ हर्षवर्धन से मिलकर कर कड़ाके की ठंड का हवाला दिया और इसे स्थागित कराने का लिखित ज्ञापन उन्हें सौंपा। डॉ हर्षवर्धन ने जीएसटीए के इस गुज़ारिश पर उपराज्यपाल से संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए उन्हें चिट्ठी लिखी थी।


शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने पीटीएम को रूकवाने के लिए, डॉ हर्षवर्धन की चिट्ठी वाली कवायद पर रोष प्रकट किया। शाहबाद डेरी इलाके में राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का उद्घाटन करने के मौके पर मीडिया से कहा-कैबिनेट मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने चार जनवरी की पीटीएम कैंसिल कराने के लिए उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखा है। पीटीएम पर सियासी दांव खेलने की बजाय शिक्षा के मुद्दों पर चर्चा विमर्श करे। केंद्र में आपके पास क्लियर मैजोरिटी से कहीं ज़्यादा का आंकड़ा है। ऐसे में सेन्ट्रल गवर्नमेंट अपने तहत आने वाले स्कूलों को बेहतर बनाना चाहिए। कोरी सियासत करके दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जो बेहतर काम हो रहे हैं, उन पर क्यों रोक लगायी जा रही है।

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