पीएम मोदी ने दक्षिण-एशिया के पहली ऐसी पाइप लाइन का
उद्घाटन किया, जो दो देशों के बीच पेट्रोलियम उत्पादों को ले जायेगी। ये पाइपलाइन
बिहार के मोतिहारी से नेपाल के अमलेखगंज के बीच बिछाई गयी है। एक कार्यक्रम के
दौरान वीडियों कॉन्फ्रेसिंग की मदद से पीएम मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी
शर्मा ओली ने साथ-साथ इसका उद्घाटन किया। गौरतलब है कि इससे पहले दोनों देशों के
बीच पेट्रोलियम उत्पादों को लाने और ले जाने के लिए 1973 के दौरान बनाये गये
कानून लागू होते थे। इसकी पाइप लाइन की मदद से बिहार के बेगूसराय जिले में बरौनी
रिफाइनरी से दक्षिण पूर्व नेपाल के अमालेखगंज तक पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को भेजा
जायेगा। 69 किमी लंबी इस पाइप लाइन से पेट्रोलियम ट्रांसपोर्टेशन के खर्चों में भारी
कमी आयेगी। नेपाल ने इस पाइप लाइन का प्रस्ताव भारत के सामने साल 1996 में रखा था।
प्रशासनिक काम करने की सुस्त प्रक्रिया के चलते, ये काम काफी देरी से चल रहा था।
पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बाद इस परियोजना को पूरा करने में काफी तेजी देखी गयी
थी।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा
2015 के भूकंप के बाद जब नेपाल ने पुनर्निर्माण का
बीड़ा उठाया, तो भारत ने अच्छा पड़ोसी और करीबी दोस्त होने के नाते अपना
हाथ मदद के लिए आगे बढ़ाया। मुझे बेहद खुशी है कि नेपाल के गोरखा और नुवाकोट जिलों
में दोनों देशों के आपसी सहयोग से फिर से घर बसे हैं। आम लोगों के सिर पर फिर से
छत आई है।
दक्षिण एशिया की यह पहली क्रॉस-बॉर्डर पेट्रोलियम
पाइपलाइन तयशुदा समय में पूरी हुई है। जितनी उम्मीद थी, उससे
आधे वक्त में यह बन कर तैयार हुई है। इसका श्रेय आपके नेतृत्व को, नेपाल सरकार के सहयोग को और हमारी आपसी कोशिशों को जाता है।
पिछले पांच सालों के दौरान, दोनों देशों ने कई
परियोजनाओं को पूरा किया है और कई दूसरी नई परियोजनाओं के नतीज़े जल्द ही हासिल
होने वाले है। पिछले साल हमने मिलकर पशुपतिनाथ धर्मशाला और आईसीपी वीरगंज का
उद्घाटन किया था।
मुझे प्रसन्नता है कि हम अपने सहयोग के सभी क्षेत्रों
में तेजी से प्रगति कर रहे हैं। मुझे आशा है कि हम अपनी भागीदारी को और गहरा बनाने
तथा विविध क्षेत्रों में अपनी पार्टनरशिप को और व्यापक करने के लिए तेजी से आगे
बढ़ेंगे। नेपाल की प्राथमिकताएं के मुताबिक उसके विकास में सहयोग के लिए भारत की
प्रतिबद्धता को मैं फिर दोहराना चाहता हूं।
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