PM Modi On Atal BhuJal Scheme: जल संकट के हालातों से निपटना हमारी प्राथमिकता-पीएम मोदी

अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर आज दिल्ली के विज्ञान भवन से पीएम मोदी ने अटल भू-जल योजना का लोकार्पण किया। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही कैबिनेट प्रेस ब्रीफिंग के दौरान केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस योजना का जिक्र मीडिया के सामने किया था। इस योजना का बजट 6000 करोड़ रूपये का है। इससे सात राज्यों के तकरीबन 8350 गांवों को सीधा फायदा पहुँचेगा। इस योजना जरिये मोदी सरकार साल 2024 तक हर घर पानी पहुँचने के लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश करेगी। 



अटल भू-जल योजना के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहीं ये बड़ी बातें 
∙ आज क्रिसमस के साथ-साथ दो महान विभूतियों श्रद्धेय अटल जी और महामना मदन मोहन मालवीय का जन्मदिन भी है। इसलिए समस्त देशवासियों सहित पूरे विश्व को क्रिसमस की बधाई और इन दोनों विभूतियों को मेरा शत-शत नमन 


 आज का दिन देश के लिए बहुत अहम् है। एक बड़ी परियोजना का नाम अटल जी को समर्पित किया गया है। हिमाचल प्रदेश को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर से जोड़ने वाली, मनाली को लेह से जोड़ने वाली, रोहतांग टनल, अब अटल टनल के नाम से जानी जाएगी। 


 चुनाव से पहले जब हमने पानी के लिए समर्पित जब हमने जल शक्ति मंत्रालय की बात की थी तो कुछ लोगों को लगा कि कैसा वादा है। लेकिन बहुत कम लोगों ने इस बात पर गौर किया कि क्यों इसकी जरूरत थी। न्यू इंडिया को हमें जल संकट की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है। इसके लिए हम पांच स्तर पर एक साथ काम कर रहे हैं। 


 अटल भूजल योजना से महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात इन सात राज्यों के भूजल का उठाने में बहुत मदद मिलेगी। इन सात राज्यों के 78 जिलों में 8,300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में भूजल की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। इसका बहुत बड़ा खामियाजा वहां के लोगों को उठाना पड़ता है। लोगों को इन दिक्कतों से मुक्ति मिले, जल स्तर में सुधार हो इसके लिए हमें जागरूकता अभियान चलाने होंगे। 


 आजादी के इतने वर्षों बाद भी आज देश के 3 करोड़ घरों में ही नल से जल पहुंचता है। सोचिए, 18 करोड़ ग्रामीण घरों में से सिर्फ 3 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचा, 70 साल में इतना ही हो पाया था। अब हमें अगले 3 साल में 15 करोड़ घरों तक पीने का साफ पानी, पाइप से पहुंचाना है। 


 गांव की भागीदारी और साझेदारी की इस योजना में गांधी जी के ग्राम स्वराज की भी एक झलक है। पानी से जुड़ी योजनाएं हर गांव के स्तर पर वहां की स्थिति-परिस्थिति के अनुसार बनें, ये जल जीवन मिशन की गाइडलाइंस बनाते समय ध्यान रखा गया है। जल जीवन मिशन के दौरान एक और और नई चीज की जा रही है। इस योजना की मॉनिटरिंग के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं

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