ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलोमानी की मौत के बाद दुनियाभर में भारी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। मिडिल-ईस्ट से लेकर पूरे यूरोप और अमेरिका तक में इसकी आहट साफ सुनाई दे रही है। कई देश एडवायजरी जारी करके अपने नागरिकों को ईरान-इराक से वापस बुला रहे है। इस्राइल और अमेरिकी सेनाओं के डिपलॉयमेंट में भारी हलचल देखी जा रही है। भारत ने इंडियन एयरलाइंस सहित दूसरी उड़ानों को ईरानी एयरस्पेस में ना घुसने की एडवायजरी जारी की है। ब्रिटेन ने अपने दो जंगी जहाज़ी बेड़ों की तैनाती हरमूज जलडमरूमध्य में करने की पहल शुरू कर दी है। नेटो देशों की सैन्य कवायद और उनकी मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री में मोबिलाइजेशन देखने को मिल रहा है। इराक में बांग्लादेश दूतावास ने बांग्लादेशी नागरिकों को किसी भी तरह के जलूस और प्रदर्शन में शामिल ना होने की हिदायत दी है और साथ ही कहा है कि आपातस्थिति में बांग्लादेशी दूतावास मदद के लिए 24 घंटे खुला है।
क्षेत्र में तनाव बढ़ाने के पैरोकार नहीं- ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ
मामला नाज़ुक मोड पर पहुँचता देख, क्षेत्र में स्थिरता बनाये रखने के लिए ईरान के रवैये में थोड़ा झुकाव आता दिख रहा है। ईरानी विदेश मंत्री ने कतर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जासिम अल थानी से मुलाकात की ओर हालातों से अवगत कराया। मुलाकात के दौरान जावेद जरीफ ने बयान देते हुए कहा कि- ईरान क्षेत्र में किसी भी तरह का तनाव और अस्थिरता नहीं चाहता है। बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप और विदेशी सैन्य बलों की संवेदनशील इलाके में मौजूदगी से असुरक्षा, अस्थिरता और तनावपूर्ण हालत बने है।
अमेरिकी विदेश मंत्री जोकर है- ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ
अमेरिकी विदेश मंत्री ने माइक पोम्पियो ने कासिम सुलेमानी की मौत पर दावा किया, उनकी मौत के बाद से इराकी लोगों में ज़श्न का माहौल है। जावेद जरीफ ने उनके बयान पर नाराज़गी जतायी और कहा- माइक पोम्पियो जोकर से ज़्यादा कुछ नहीं है। बस सर्कस के जोकरों की तुलना उन्होनें सियासी ज़ामा पहन रखा है।
इराक में अमेरिकी एम्बेंसी पर हुआ रॉकेट हमला
बगदाद में अमेरिकी दूतावास के अन्दर रॉकेट से हमले की खबर सामने आ रही है। अमेरिकी सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए बलाद एयरबेस पर भी रॉकेट हमले किये गये। अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पायी है कि इस कार्रवाई में कितने लोग हताहत हुए। इस हमले के तुरन्त बाद अमेरिकी सैन्य विमानों ने इलाके की एयरपेट्रोलिंग कर घेराबंदी की।
स्वीडिश ऑर्मी ने इराक में ऑप्रेशनल मूवमेंट को रोका, नाटो ने भी रोकी ट्रेनिंग
स्वीडन ने एहतियातन कदम उठाते हुए इराक में तैनात अपने सैन्य बलों की मूवमेंट को अगले आदेश तक के लिए रोक दिया है। स्वीडिश रक्षा मंत्री क्रिस्टीना स्वान ने मामले पर बयान देते हुए कहा- बारीकी से नज़रे बनाये हम हालातों के स्थिर होने का इंतज़ार कर रहे है। वहाँ के तनावपूर्ण माहौल के बीच हमारी सिक्योरिटी फोर्सेस के ऑपरेटिव स्टेप्स खतरा पैदा कर सकते है। स्वीडिश ऑर्मी ने पूरी तरह से पेशेवराना रवैया अख़्तियार किया हुआ है। इसकी के चलते हमने इराक में सभी ऑप्रेशंस रोक दिये है। अपने लोगों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। नार्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन ने भी इराक में सैनिकों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। फिलहाल ये रोक अस्थायी बतायी जा रही है।
अमेरिका इसके लिए बड़ी कीमत चुकायेगा-ईरान
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिका को भारी अन्ज़ाम भुगतने की धमकी दी है। कतर के विदेश मंत्री से मुलाकात करने के दौरान रूहानी ने कहा- अमेरिका का ये कदम और तरीका इलाके को खतरनाक हालातों में डाल सकता है। ईरान किसी भी तरह का सैन्य उकसावा और तनाव कतई नहीं चाहता। लेकिन जिस तरह से हालात नाज़ुक बने है और अस्थिरता बढ़ी है। उसका जिम्मेदार अमेरिका है, जिसने गलत कवायद की शुरूआत कर ये सब किया।
ईरान ने अगर ज़वाबी कार्रवाई की तो नतीज़े गंभीरे होगें- डोनॉल्ड ट्रम्प
अमेरिकी राष्ट्रपति का रवैया अभी इस मामले पर आक्रमक बन हुआ है। डोनॉल्ड ट्रम्प ने ईरान की सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि- अगर ईरान अमेरिका पर हमला करता है तो, ये उसके लिए सीधी चेतावनी है। हमने उनके 52 इलाकों को अपने निशाने की ज़द में ले रखा है। सुलोमानी एक आतंकी था, जिसके लिए ईरान हमसे टकराने की बात कर रहा है। उसने कई लोगों को मौत के घाट उतारा जिसमें अमेरिकी भी शामिल थे। जनरल कासिम सुलोमानी इराक में अमेरिकी राजदूत को मारने की योजना पर काम कर रहा था।
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